लू लगने पर अपनाएं ये देसी नुस्खे

लू लगने पर अपनाएं ये देसी नुस्खे

सुमन कुमार

पूरा उत्‍तर भारत तप रहा है और पश्चिम से आने वाली सूखी हवाएं लू के थपेड़े में बदलकर लोगों को तपा रही है और बीमार बना रही है। राजस्‍थान, पंजाब, हरियाणा, दिल्‍ली, यूपी सभी जगह लोगों का गर्मी से बुरा हाल है। ऐसे में हम आपको बताने जा रहे हैं लू के सामान्‍य लक्षणों, उनसे बचाव और उसके घरेलू उपचारों के बारे में।

लक्षण

लू लगने का पता सबसे पहले तो तेज सिरदर्द, उल्‍टी और चक्‍कर आने से चलता है। इसके साथ ही बुखार और नाक से खून आने जैसे लक्षण भी दिख सकते हैं। शरीर में पानी की कमी हो जाती है और सांस लेने में दिक्‍कत हो सकती है।

एहतियात

गर्मियों में इन सामान्‍य लक्षणों वाले किसी व्‍यक्ति को तुरंत प्राथमिक उपचार देने की जरूरत पड़ सकती है। इसके लिए संबंधित व्‍यक्ति को हवादार और छाया वाली जगह पर लिटाने, उसे तत्‍काल नींबू, नमक वाला पानी पिलाने से आराम मिलेगा। इसके बाद उसे डॉक्‍टर के पास ले जाना चाहिए। ये ध्‍यान रखें कि उस व्‍यक्ति को सांस लेने में परेशानी न हो।

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घरेलू नुस्‍खे

  • ये बात समझ लें कि लू लगने पर मरीज को किसी भी रूप से पानी की पर्याप्‍त मात्रा देना बेहद फायदेमंद होता है। हालांकि सादा पानी के बजाय उस पानी में नींबू, पुदीना, सौंफ, आग पर भुना हुआ कच्‍चा आम आदि को अलग अलग तरीके से मिलाकर देने पर उसका फायदा कई गुणा बढ़ जाता है।
  • लू लगने पर आम पना का सेवन सबसे फायदेमंद माना जाता है। आम पना बनाने के लिए कच्‍चे आम को भूनकर उसे पानी में मिलाकर मसल लें। इसके बाद उसमें थोड़ा चीनी, जीरा पाउडर मिलाकर सेवन करें।
  • गर्मियों में नींबू-चीनी का सामान्‍य सा शर्बत भी बेहद फायदेमंद होता है और इससे शरीर को ताजगी और ऊर्जा मिलने के साथ पानी की कमी भी खत्‍म होती है।
  • लू लगने पर या उससे बचाव के लिए भी तेज गर्मियों के दौरान सौंफ का अर्क,  पुदीने का रस और दो चम्मच ग्लूकोज का पाउडर मिलाकर तैयार घोल का सेवन हर दो घंटे में करना चाहिए।
  • कच्चे आम और प्याज को पीस लें, उसमें भुना हुआ जीरा और छोटी इलायची का चूर्ण मिलाकर हर तीन घंटे में दें।
  • लगभग एक ग्राम आंवले का चूर्ण, एक ग्राम मीठा सोडा और तीन ग्राम मिश्री और सौंफ मिलाकर देने पर लू के मरीज पर रामबाण का काम करता है।

गर्मी से बचाव के लिए ये भी आजमाएं

दुनिया के किसी भी हिस्‍से में जाएं तो आहार विशेषज्ञ आपको एक ही सलाह देते मिलेंगे, ‘अपने क्षेत्र के हिसाब से मौसमी फल का सेवन आपके लिए लाभदायक है।’ यानी यदि आप नागपुर और उसके आसपास रह रहे हैं तो आपको मौसम के हिसाब से संतरे का सेवन, हिमाचल में रह रहे हैं तो सेब का सेवन और इसी तरह महाराष्‍ट्र के अंगूर उत्‍पादक इलाके में रह रहे हैं तो अंगूर का सेवन करें। कहने का अर्थ है कि अपने क्षेत्र में उत्‍पादित होने वाला फल आपके लिए सबसे बेहतर होता है। इसी प्रकार गंगा के मैदानी इलाकों में गर्मियों में तरबूज और खरबूजे, खीरा और ककड़ी का उत्‍पादन बड़े पैमाने पर होता। गर्मी की तपिश और उसके नकारात्‍मक प्रभाव से बचने के लिए इन सभी का सेवन लाभदायक है ये वैज्ञानिक अध्‍ययनों से प्रमाणित है। इसी प्रकार आम जब कच्‍चा हो तब उसकी चटनी, उसका पना आदि लू से बचाने में बहुत कारगर होते हैं। इसके अलावा छाछ, नारियल पानी, सत्‍तू को घोलकर, ताजा दही आदि का सेवन गर्मियों में लाभदायक होता है।

सावधानियां

गर्मियों में किसी भी हालत में पहले से काटकर रखे गए फलों का सेवन न करें। सुबह बनाकर रखे गए खाने का सेवन दिन में या रात में न करें। गर्मियां हर तरह के संक्रमण के फैलने के लिए आदर्श मौसम है और कटे फल और बासी भोजन इस संक्रमण को फैलाने का सबसे आसान जरिया।

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